एम डी प्रमुख-अखिल विश्व गायत्री परिवार कुलाधिपति-देव संस्कृति विश्विद्यालय निदेशक- ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान संपादक-अखण्ड ज्योति
'विश्व सभ्यताओं का जनक :भारत' शोध ग्रंथ के साथ आपका भाव भरा पत्र मिला । शोध ग्रंथ में निश्चित रूप से आपने बहुत मेहनत की है -बहुत ही सुंदर प्रयास है। 35 विदेशी पुस्तको सहित 131 पुस्तकों का संदर्भ लिया है। इसमें आपने पूज्य गुरुदेव रचित ग्रंथ समस्त विश्व को भारत के अजस्त्र अनुदान का भी संदर्भ दिया है। Read More
विभागाध्यक्ष, चित्रकला विभाग, गवर्नमेंट महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स p.g. कॉलेज इंदौर
माननीय डॉक्टर अखिलेश चंद शर्मा जी , आपके द्वारा भेंट स्वरूप प्रेषित शोध ग्रंथ 'विश्व सभ्यताओं का जनक: भारत' प्राप्त कर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हुई जिसके लिए सहृदय से आभार व्यक्त करती हूँ । विश्व की सर्वश्रेष्ठ सर्वोच्च और प्राचीन भारतीय सभ्यता तथा संस्कृति को आपने अपने शोध ग्रन्थ का विषय बनाया यह अत्यंत सराहनीय है । Read More
संभागीय विपणन अधिकारी ( से.नि. ) खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश
डॉ शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने योग्य है,ऐसा मेरा मंतव्य है । मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक समाज और विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी सिद्ध होगी । Read More
प्रसिद्ध वैदिक विद्वान संरक्षक व सम्पादक परोपकारी पत्रिका परोपकारिणी सभा अजमेर
समीक्षय कृति के लेखक डॉ. अखिलेश चंद्र शर्मा कृषि वैज्ञानिक हैं।डॉ. शर्मा द्वारा नये-नये बीजो का निर्माण एवं परिष्कार कर्म के साथ सुदीर्घकाल तक अनवरत किये अध्यन एवं शोध दृष्टि का प्रतिफल प्रस्तुत कृति है। डॉ. शर्मा ने मनुष्य की उत्पत्ति तथा वेदज्ञान पर प्रकाश डालते हुए महर्षि दयानन्द के मत जिसमे सृष्टि उत्पति त्रिविष्टप अर्थात -तिब्बत को ही स्वीकार किया है। Read More
प्रसिद्ध इतिहासकार मेरठ
वर्तमान काल भारत की प्राचीन संस्कृति के अभ्युदय का सही समय है और इनमें एक और नया नाम जुड़ गया है ‘विश्व सभ्यताओं का जनक: भारत - एक शोध ग्रंथ’ नामक इस पुस्तक के रूप में जो प्राच्य विद्या शोध प्रकाशन, इंदौर द्वारा प्रकाशित की गई है। इसके लेखक डा. अखिलेश चंद्र शर्मा हैं जिन्होंने गहन प्रयास और शोध कर पाठकों के समक्ष उन तथ्यों और प्रमाणों का प्रकाशन किया है जो हमारी प्राचीन सभ्यता के लिए एक अवलंब प्रमाणित होंगे। Read More
संस्कृत विभाग , मूलजी जेठा महाविद्यालय जलगाँव महाराष्ट्र
उपरोक्त शोध ग्रन्थ प्राप्त हुआ जिसके कलेवर को देखकर ही ऐसा लगा मानो यह ग्रन्थ ही अंतर्राष्ट्रीय दर्जे का है लगभग १३१ ग्रंथो का सन्दर्भ तथा १७ देशो का जो प्रामाणिक विवरण आपने दिया है वह वास्तव में अद्वितीय है , विद्वत्ता से युक्त शोधपूर्ण इस ग्रन्थ को पढ़ते ही अनेक भ्रम अपने आप ही दूर हो जाते है Read More
संपादक : उगता भारत
पुस्तक के अध्ययन से यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि विश्व सभ्यताओं का जनक भारत ही रहा है । विद्वान लेखक ने अमेरिका खंड, अफ्रीका, मिस्र देश , मेसोपोटामिया, यूनान प्रदेश, यूरोप खंड , अरब प्रायद्वीप, ईरान देश, मोहनजोदड़ो हड़प्पा सभ्यता, चीन , मंगोलिया, जापान, बर्मा, श्याम देश या थाईलैंड ,कंबोडिया, चंपा या वियतनाम, मलेशिया आदि के बारे में ऐसी सामग्री उपलब्ध कराई है जिससे पता चलता है कि इन सबका पूर्वज भारत ही है। Read More
आचार्य स्वामी आत्मानंद वैदिक गुरुकुल मलारना चौड़ सवाई माधोपुर राजस्थान
भारत की सभ्यता, संस्कृति सबसे प्राचीन है अथवा यूं कहें सृष्टि के आदि से ही है। वेदों का ज्ञान, विद्या, कला, संस्कृति समस्त भूगोल में भारत से ही फैली है । ऋषि -महर्षियों ने अध्यात्म व भौतिकता की उन्नति के सूत्र इसी पावन भूमि पर बैठकर खोजे थे । इस बात को अब विदेशी लोग स्वीकारने लगे हैं। Read More
मुख्यमंत्री, असम
आपके द्वारा भेंट स्वरुप प्रेषित ग्रन्थ 'विश्व सभ्यताओं का जनक: भारत' प्राप्त करके मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई। भारतीय सभ्यता को विश्व की सभ्यताओं क जनक के रूप में प्रमाणित करने के लिए आपने जो तथ्य संकलित किये है और जिस तरह का प्रयास किया है, वह अत्यंत सराहनीय है। इस भेंट के लिए में आपके प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ। Read More
राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
आपने इस ग्रन्थ में मनुष्य की उत्पत्ति तथा मानवी सृष्टि का आरम्भ, चतुर्वेदो में प्रस्तुत ज्ञान का विश्लेषण, वेदो ने निश्चित की गयी वर्णव्यवस्था तथा उसका महत्त्व इत्यादि विषयों का समर्पक तथा विशेष अभ्यास प्रस्तुत किया है, जो विश्व के अन्य प्रांतीय तथा धार्मिक सभ्यताओं की तुलना में भारत भूमि का श्रेष्ठतम प्रमाणित करता है। Read More
प्रमुख श्री वैदिक स्वस्ति पन्था न्यास (वैदिक एवं आधुनिक भौतिक विज्ञान शोध संस्थान ) वेद विज्ञान मंदिर,भागल भीम भीनमाल,जालोर राजस्थान
कुशलकामनोपरांत वेदितव्य है कि आप द्वारा प्रेषित स्वलिखित शोध ग्रंथ 'विश्व सभ्यताओं का जनक:भारत' प्राप्त हुआ ।मैंने इसका विहंगावलोकन किया, आपने ग्रंथ के लेखन में भूरीश्रम किया है। भारतीय संस्कृति व सभ्यता पर गर्व करने वाले अथवा इनका उपहास करने वाले कथित प्रबुद्ध वामपंथियों को एक बार इस ग्रंथ को अवश्य पढ़ना चाहिए । Read More
उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शिवाजी सेना
"विश्व सभ्यताओ का जनक :भारत" एक शोध ग्रंथ है । जिसे माननीय डॉ अखिलेश चंद शर्मा जी ने लिखा है। लेखक के द्वारा इस ग्रंथ में जो भी लिखा है वह प्रमाणित है । क्योंकि लेखक ने इस ग्रंथ को पुस्तको से शोध करके ही लिखा है । Read More
भीष्म स्कूल ऑफ इंडिक स्टडीज,पुणे
आपका भेजा हुआ “विश्व सभ्यताओं का जनक : भारत” शोध ग्रंथ पत्र के साथ प्राप्त हुआ I ग्रंथ का विषय पढ़कर ही बड़ी प्रसन्नता हुई I भारत के असली गौरवशाली इतिहास को हमेशा ही छुपाया गया और तथाकथित इतिहासकारोंने हमें मन में एक न्यूनता पैदा करनेवाला इतिहास पढाया I Read More
स्वामी ओमानन्द सरस्वती पुरातत्व संग्रहालय गुरुकुल झज्जर (हरियाणा )
सत्यान्वेषक लेखक महोदय ने देश- विदेश के पक्षपात रहित मानसिकता वाले सत्यग्राही लेखकों के द्वारा उद्घाघाटित सत्य को सबके सम्मुख रखकर एक उदाहरण प्रस्तुत कर दिया है कि, भारत ही विश्व की सभी प्राचीन सभ्यताओं का जनक और आदि सोत्र रहा है । Read More
कुलपति उतराखण्डसंस्कृत विश्विद्यालय हरिद्वार
वैशिष्ट्य का सप्रमाण उल्लेख किया है। यह पुस्तक निश्चित ही वेद के उदघोष कृणवन्तो विश्वमार्यम् के उद्देश्य को पूर्ण करती है। इस पुस्तक में पृथ्वी पर मानव की उत्पत्ति स्थान से लेकर विभिन्न सभ्यताओं के विकास में आर्य संस्कृति का ही मूल रूप में वैशिष्ट्य है। इसे यह भी कह सकते हैं कि विश्व की सभी सभ्यताओं के मूल में वैदिक सभ्यता / आर्य सभ्यता ही सर्वतो भवेन निहित है, Read More
कुलपति गुरुकुल कांगड़ी( समविश्वविद्यालय ) हरिद्वार
आपके द्वारा प्रणीत विश्व सभ्यताओं का जनक भारत नामक पुस्तक पढ़ने का सौभाग्य मिला, जिसमें आपने भारत को विश्व की सभ्यताओं का शिरोमणि तथा पुरोधा मानने सम्बन्धी सप्रमाण एवं सचित्र अवधारणा की प्रस्तुति से सम्यक् अवगत कराया है। आपने अपनी पुस्तक में पृथिवी पर प्रथम मानव उत्पत्ति स्थान विषयक अवधारणा को वैदिक प्रमाण देकर स्पष्ट किया है Read More
पूर्व कुलपति,महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्विद्यालय उज्जैन
विश्व सभ्यताओं के जनक: भारत शीर्षक से उपनिबद्ध ग्रन्थ प० अखिलेश चन्द्र शर्मा द्वारा प्राप्त हुआ। इस ग्रंथ का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि यह ऐसे 'चन्द्र हैं जिनका शीतल प्रकाश 'अखिल विश्व में व्याप्त है। अस्तु "यथा नामा तथा गुणः" फलित हो रहा है। Read More